September 26, 2023

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निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड श्री चंद्र शेखर शुक्ला के निर्देशानुसार सागर में मनाई जा रही स्मार्ट सिटीज मिशन की 8वीं वर्षगांठ के अमृत उत्सव अंतर्गत महिला स्वास्थ्य, लिंगानुपात एवं नशामुक्ति जागरूकता लाने हेतु आयोजित वर्कशाप कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चीयां शामिल हुई।विषय-विशेषज्ञों डॉ नीना गिडियन रीजनल डायरेक्टर स्वास्थ्य मिशन सागर संभाग, डॉ अखिलेश पटेल सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन, डॉ स्वाति पटेल बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सहायक प्राध्यापक ने विस्तार से स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर गहन जानकारियां दी और बताया की रोजमर्रा की जीवन शैली में छोटे-छोटे परन्तु बहुत महत्वपूर्ण बदलाव करके स्वस्थ व्यक्ति स्वस्थ परिवार व स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता हैं। आयोजन के दौरान जागरूकता हेतु थिएटर आर्टिस्ट द्वारा थिएटर प्ले के माध्यम से महिला भ्रूण हत्या रोकने, नशामुक्ति आदि के सकारात्मक सन्देश दिए गए।

वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन के सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ अखिलेश पटेल ने महिलाओं बच्चों सहित प्रत्येक व्यक्ति को टीकाकरण कराना आवश्यक है।उन्होंने कहा की बड़ी माता चेचक का टीका लगाया जाता है जिससे इस बीमारी पर काबू किया जा सका है। छोटी माता या खसरा मीजल्स का टीका जो की रुबेला और मीजल्स दोनों से बचाता है।

बीसीजी का टीका अस्पताल से डिस्चार्ज के समय लगाया जाता है यह टीवी से बचाता है। पेंटा का टीका 5 बीमारियों से बचाता है। इसके लगने पर हल्का बुखार और दर्द होता है। इससे घबराएं न और अवश्य लगवाएँ। पोलियो का टीका 3 खुराक के रूप में 6 सप्ताह, 14 सप्ताह और 9 माह पर लगाया जाता है यदि किसी कारण से छूट जाएं तो 9 वर्ष के पहले कभी भी लगाया जा सकता है। निमोनिया का टीका भी लगाया जा रहा है मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है जो इस निमोनिया के टीका को फ्री में शासन की तरफ से लगाया जा रहा है उन्होंने कहा रोटा का टीका, टीडीपी का टीका सहित अन्य सभी टीके जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य हैं इन्हें समय पर अवश्य लगवाएँ।

रीजनल डायरेक्टर स्वास्थ्य मिशन सागर संभाग डॉ नीना गिडियन ने कहा की सागर हर ओर से विकसित हो रहा है स्मार्ट बन रहा है और हम सब को भी स्मार्ट बनना होगा। मैं स्त्रीरोग विशेष हूँ मेरे पास आज बहुत सी बच्चीया महिलाएं हार्मोनल डिसीज की रोगी के रूप में आती हैं। आज के परिवेश में फिजिकल एक्सरसाइज लगभग समाप्त है और आराम की जिंदगी हम जी रहे हैं। अनियंत्रित जीवन शैली के कारण 20 से 25 प्रतिशत बच्चीयां पीसीओडी से पीड़ित हैं बैठे बैठे मोबाईल देख रहे और खाना खा रहे हैं कोई एक्सेरसाइज नहीं हैं इन सब कारणों से यह पीसीओडी की समस्या हो रही है जिससे समय पर पीरियडस् नहीं आते और बाद में इन्फ्रटिलिटी की समस्या उतपन्न होती है और वे शादी के बाद बच्चे जनने में सक्षम नहीं रहती। इसका एक बड़ा कारण मोबाईल की लत भी है। आज बच्चे-बच्चीया घंटो तक एक ही स्थल पर बैठकर मोबाइल चलाते रहते हैं। ये गलत है। उन्होंने कहा की आज सागर की आप सभी महिलाओं को संकल्प लेना हैं की अपने बच्चों का ध्यान रखें और अच्छी आदतों की ओर, बेहतर स्वास्थ्य के लिए फिजिकल मेहनत की ओर अग्रसर करें।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ स्वाति पटेल ने बताया की आज के समय में हम माता-पिता अपना पीछा छुड़ाने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को मोबाईल पकड़ा देते हैं और खुश होते हैं की हमारा बच्चा खेल रहा है पर समय जाते स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी हमारे साथ उन बच्चों को करना पड़ता है। बच्चों को कम उम्र में मोटे-मोटे चश्मे लग रहे हैं, आई विजन बिगड़ रहा हैं और बाद में परेशान पेरेंट्स मनोचिकित्सक के चककर काटते हैं। हमें इन आदतों को सुधारना होगा, बच्चों को फिर से मैदानी खेल खिलाने होंगे।आज अमृत उत्सव हम मना रहे हैं। महिला स्वास्थ्य को लेकर आज कई अभियान चलाये जा रहे हैं जिससे मातृ मृत्युदर की समस्या कम हुई है। हमारे घर में सत्तू बनाया जाता था बहुत हैल्दी होता है हम उसे भूलकर पिज्जा, बर्गर, मैगी फ़ास्टफूड खाने खिलाने लगे हैं जिससे खून की कमी हो रही है और मातृ मृत्युदर यानि बच्चे के जन्म के समय माँ की मृत्यु हो जाना एक बड़ी चुनौती बन चुकी थी। इसे हराने के लिए हमें अपनी आदतों को सुधारना होगा पोस्टिक आहार खाना और खिलाना होगा। महिला स्वास्थ्य के लिए साक्षरता बहुत महत्वपूर्ण है हम सभी को साक्षर होना आवश्यक है क्योंकि महिलाएं प्रथम शिक्षक होती है जो अपने बच्चे को शिक्षा देती है यह महिला सशक्तिकरण का मूल है।

अमृत उत्सव में शामिल हुई महिलाओं ने इस आयोजन के माध्यम से प्राप्त हुई महत्वपूर्ण और जीवनपयोगी जानकारियों हेतु धन्यवाद दिया और महिला स्वास्थ्य, लिंगानुपात एवं नशामुक्ति हेतु जागरूकता लाने के लिए थिएटर आर्टिस्ट द्वारा प्रदर्शित किए गए प्ले की सराहना की।

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