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सागर जिले मालथौन रोड स्थित खिमलासा के निवासी भगत सिंह कुशवाहा फर्नीचर का काम करते है। पढ़ाई के बाद स्वावलंबी बनने के प्रयास में इन्होंने सबसे पहले खुरई में एक वेल्डिंग वर्कशॉप में काम सीखने से शुरुआत की। खुरई से खिमलासा लगभग 20 कि.मी. दूर है। लगभग 2 साल वहां करने के बाद उन्होंने स्वयं की फेब्रिकेशन वर्कशॉप शुरू करने का निर्णय लिया।
भगत सिंह कुशवाहा को वर्कशाप शुरू करने के लिए पूँजी की आवश्यकता थी जिसके लिए बैंक से संपर्क किया। बैंक मेनेजर ने उन्हें सरकारी योजना में लोन लेने का सुझाव दिया। इसके लिए उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में संपर्क किया, जहाँ क्षेत्र के अधिकारी श्री के.बी. पटेल सहायक प्रबंधक ने विस्तार से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की जानकारी दी। आवश्यक दस्तावेजों की सूची और ऑनलाइन आवेदन कैसे और कहाँ करना है, यह सब बताया।
भगत सिंह कुशवाहा को फेब्रिकेशन कार्य का अनुभव था। इसीलिए बैंक अधिकारी लोन देने को तैयार थे। तब उन्होंने उसे प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने हेतु सी.ए. के पास भेजा और आवेदन कराया। डीआईसी से परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक खिमलासा से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई। लोन प्राप्त करने से पूर्व दस दिन का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण ऑनलाइन प्राप्त किया। जिसमें उन्हें उद्यमिता, कौशल को बढाने, एकाउंटिंग, टैक्सेशन, मार्केटिंग आदि के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने के लिए प्रकरण फेब्रिकेशन कार्य का 20 लाख का था, बैंक ने 13 लाख मशीनरी एवं 7 लाख कच्चे माल के कोटेशन मँगाये। बैक ने उक्त फर्मों को सप्लाई आर्डर दिया। उसी बीच वर्कशॉप का रजिस्ट्रेशन बिजली कनेक्शन हेतु कराया गया । बिजली का कनेक्शन होने के उपरान्त भगत सिंह कुशवाहा ने मशीनों को स्थापित किया।
भगत सिंह द्वारा अलमारी, पेटी, कूलर आदि बनाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने दुकान पर 8 कारीगरों को रोजगार दिया है। उन्हें शासन से 7.00 लाख रुपये की सब्सिडी का लाभ प्राप्त हुआ है। यह योजना भगतसिंह जैसे, नए उद्यम स्थापित करने के इच्छुक, युवाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एक अत्यंत सफल योजना साबित हुई।