November 29, 2023


ये हैं खुरई में रहने वाले दिनेश चौरसिया
इनके साथ जाने क्या अनहोनी होती अगर ना होते भूपेंद्र भैया

खुरई के रहने वाले दिनेश चौरसिया अपने दो भाइयों के साथ मिलकर चाय की दुकान चलाते थे, कुछ दिन पहले दिनेश का भतीजा होली के त्योहार पर घर आया तो दिनेश भी उसके साथ गुजरात नौकरी करने के लिए चले गए ।गुजरात के अहमदाबाद में दिनेश की नौकरी भी लग गई, दिनेश अब और भी ज़्यादा बेहतर ज़िंदगी के सपने देखने लगे थे। दो भई भाई खुरई में आराम से चाय की दुकान चला ही रहे थे ऐसे में दिनेश ने सोचा कि अहमदाबाद में नौकरी कर के वो जो भी कमाएँगे वो परिवार के लिए अतिरिक्त आय होगी । लेकिन शायद् होनी को कुछ और ही मंज़ूर था, कुछ ऐसा भयानक जिसे सुनकर सिहरन होती है और मन ये सोच कर घबरा जाता है की अगर भूपेंद्र भैया नहीं होते तो दिनेश के साथ पता नहीं क्या अनहोनी हो सकती थी ।

दिनेश गुजरात के अहमदाबाद में भतीजे के साथ पहुँचे और ईश्वर की कृपा से उनकी प्राइवेट नौकरी भी लग गई, नई नौकरी लगने से दिनेश बहुत खुश थे, वो भतीजे के साथ रहते थे और वही से नौकरी पर जाते थे । अभी नौकरी पर जाते हुए दिनेश को बस तीन ही दिन हुए थे की अनहोनी की शुरुआत हो गई । दिनेश एक दिन नौकरी पर तो निकले पर शाम को घर वापिस नहीं लौटे, बहुत देर इंतज़ार करने के बाद भी जब दिनेश का कुछ पता नहीं चला तो उनके भतीजे को चिंता हुई, इधर-उधर ढूँढने के अलावा भतीजे ने खुरई में अपने परिवार को भी फ़ोन करके खबर की, अब सारा परिवार दिनेश की चिंता कर रहा था और दिनेश का कोई सुराग नहीं था । आनन-फ़ानन में परिवार के लोग गुजरात के अहमदाबाद चले गए और सभी मिलकार दिनेश को ढूँढने लगे, लेकिन दिनेश का कोई अता-पता नहीं था ।

एक शख़्स जो खुरई से अहमदाबाद नौकरी करने आया था, वो भी अपने भतीजे के साथ और तीन दिन बाद ही नौकरी पर जाने के बाद ग़ायब हो जाता है, सभी के लिए एक बड़ी पहेली बन गया था, परिवार का सोच-सोच कर बुरा हाल था की दिनेश के साथ आख़िर हुआ तो क्या हुआ । काफ़ी मशक्कत के बाद भी जब कोई सुराग नहीं लगा और अनजाना डर परिवार को सताने लगा तो उन्हें भूपेंद्र भैया की याद आइ ।खुरई के हर नागरिक को दुःख से उबारने वाले भूपेंद्र भैया, हर इंसान की मुश्किल को आसान बनाने वाले भूपेंद्र भैया । दिनेश का परिवार खुरई लौट आया और खुरई लौटने के बाद उन्होंने भूपेंद्र भैया से मिलकर उन्हें दिनेश के अहमदाबाद जाने और अचानक से ग़ायब हो जाने की पूरी कहानी बताई । कहानी सुनते हुए भूपेंद्र भैया ने जब दिनेश के परिवार की आँखों में आंसू देखे तो उनका हृदय द्रवित हो गया, उन्होंने परिवार को भरोसा दिया कि अब कोई चिंता की बात नहीं है । और भूपेंद्र भैया जुट गए हमेशा की तरह एक आर परिवार के आंसुओं को मिटाने के लिए, एक और परिवार के बिछड़े को उसके अपनो से मिलाने के लिए ।
“मिशन दिनेश” शुरू हो चुका था, भूपेंद्र भैया ने तत्काल ही
खुरई शहरी थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी और परिजनों से दिनेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने को कहा इसके साथ ही दिनेश को ढूंढने के लिए एक पुलिस टीम अहमदाबाद रवाना करने के निर्देश दिए ।भूपेंद्र भैया से निर्देश मिलते ही खुरई एसडीओपी और थाना प्रभारी द्वारा गठित पुलिस टीम को परिजनों के साथ अहमदाबाद रवाना किया गया और दिनेश को ढूंढने का काम बड़े स्तर पर शुरू कर दिया गया ।अब “मिशन दिनेश” यानी दिनेश को ढूँढने के लिए अहमदाबाद पुलिस और खुरई पुलिस की संयुक्त खोज शुरू हो चुकी थी ।पुलिस टीम ने दिनेश के मोबाइल की लास्ट लोकेशन पता लगाई और दिनेश के घर और कम्पनी के रास्ते के सीसीटीवी फ़ुटेज को बारीकी से चेक किया जाने लगा, भूपेंद्र भैया इस opration की पल पल की अपडेट ले रहे थे ।
काफ़ी छान-बीन करने पर अंत्तत पुलिस के हाथों एक अहम सुराग मिला। सीसीटीवी और लोगों से पूछ ताछ के द्वारा सामने आया की दरसल दिनेश का काम पर जाते हुए रास्ते में भयंकर ऐक्सिडेंट हुआ था और उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।लेकिन “मिशन दिनेश” अभी पूरा नहीं हुआ था, पुलिस टीम जब अस्पताल पहुँची तो पता चला की दिनेश वहाँ से जा चुके थे। अब बड़ा सवाल ये था की दिनेश आख़िर यहाँ से कहाँ गए होंगे? क्यूँ गए होंगे? कहीं उनके साथ कुछ ….
भूपेंद्र भैया को भी इस बात से अपडेट कराया गया लेकिन भूपेंद्र भैया संकल्पित थे कि हर हाल में दिनेश को उसके परिवार से मिला कर ही दम लेंगे, “मिशन दिनेश” ख़त्म करके ही चैन लेंगे, उन्होंने पुलिस को और सघनता से प्रयास करने के निर्देश दिए ।
पुलिस टीम बारीकी से जुट गई तो आख़िरकार एक बड़ी सफलता टीम के हाथ लगी। दरसल ऐक्सिडेंट के बाद दिनेश सरकारी अस्पताल में भर्ती थे उसके बाद उन्हें एक एनजीओ में शिफ़्ट कराया गया था, क्यूँकि दिनेश का ऐक्सिडेंट गम्भीर था इसलिए वो अपने बारे में कुछ बता पाने की हालत में नहीं थे। लेकिन आख़िरकार भूपेंद्र भैया का संकल्प रंग लाया, पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई, और रंग लाई परिवार की दुआएँ । जैसे ही दिनेश ठीक हुए पुलिस टीम उनसे सम्पर्क करने में कामयाब हो गई ।खुरई की पुलिस अपने साथ दिनेश को लेकर आइ और उन्हें सकुशल परिवार को सौंप दिया ।
दिनेश को वापिस लौटा देकर परिवार भावुक हुए बिना नहीं रह सका, हर इंसान की आँखों में ख़ुशी के आंसू छलछला आए, हर परिवार वाला दे रहा था भूपेंद्र भैया को दुआएँ

Byte …..

वाक़ई जब कुछ नज़र नहीं आता ज़िंदगी धुंधली हो जाती है
तब भूपेंद्र भैया की मदद बड़े काम आती है, बिछड़ों को मिलाती है, हर दुःख को दूर ले जाती है
हर घर के आँगन में बस ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ महकाती है


https://youtu.be/VPKXeJJJdfk

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